हेलो दोस्तों मेरा नाम जीतू है और में अपनी सगी चाची बीना की जवान खूबसूरत विधवा लडकी ज्योती के साथ सेक्स की रीयल स्टोरी बता रहा हूं..
में ज्योती को बचपन से ही अच्छी तरह से जानता हूं वो शुरु से ही ऐक रण्डी किस्म की लडकी रही है मां के प्यार ने उसे बिगाड़ कर रख दिया था.. ज्योती जब सोलह साल की थी तभी से उसकी अय्याशी के किस्से सुनने को मिलने लगे थे वो अकसर होटलों में मर्दों के साथ सेक्स करती हुईं पकड़ी जा चुकी थी.. और उसने अपनी ही मर्जी से ऐक लड़के से लव मैरिज भी की थी.. पर उसका ऐक एक्सीडेंट में निधन हो गया था और ज्योती वापस से अपने घर आ चुकी थी.. बीना चाची ने मुझे अपने घर बुलाया था और उस रोज में सुबह ही बीना चाची के घर आ गया था और बीना चाची किचन में काम कर रही थी और उनकी जवान विधवा बेटी ज्योती बॉथरूम में नहा रही थी.. इसी मौके का फायदा उठाकर मेने छुपकर ज्योती को बॉथरूम में नंगी नहाते हुए देखा और में तो बस पागल सा हो चुका था.. मेने कभी सोचा भी नहीं था कि ज्योती नंगी इतनी ख़ूबसूरत दिखेगी.. उसका गोरा नंगा बदन और मोटे बोबे और कुल्हों को देखकर मेरा लण्ड ज्योती को पाने के लिए तड़प उठा था.. बीना चाची ने आवाज लगाई और बोली जीतू बेटा चाय पीले और में कमरे में आ गया था चाची ने कहा जीतू बेटा में दो दिनों के लिए अपनी मोसी के यहां जा रही हूं उनकी तबियत खराब है तो तू यहीं रुक जा तेरी बहन ज्योती के साथ में बोला चाची ठीक है और तभी ज्योती भी कमरे में आ गई थी में बस उसे देख रहा था उसने अपना सर धोया था और बाल खुले हुए थे ज्योती ने सलवार कमीज पहन रखी थी और उसके मोटे बोबे मुझे साफ दिखाई दे रहे थे.. ज्योती मुझे देखकर मुस्कुराई और बोली जीतू भाई आ गए आप और वो दूसरे कमरे में चली गई थी.. बीना चाची ने मुझे बस स्टॉप पर चलने को कहा और में उन्हें बस में बिठा कर घर आ गया था.. और मेने घर का दरवाजा अंदर से लॉक कर दिया था और में ज्योती के साथ सोफे पर बेठ गया.. और ज्योती से बाते करने लगा.. और कुछ ही देर बाद मेने अपनी पेंट में हाथ डाला और अपना लण्ड बाहर निकाल लिया था.. और ज्योती बिना शर्माए हुऐ मेरी तरफ देख रही थी और बोली जीतू भाई ये क्या कर रहे हो पागल हो क्या.. घर में ज्योती और मेरे सिवा कोई नही था तो मेने ज्योती को पकड़ लिया और उसे चूमने लगा था और वो मुझसे लिपट गई थी और बोल रही थी जीतू भाई मत करो मुझे प्लीज और तभी ज्योती ने मेरा लण्ड पकड़ लिया और उसे हाथो से सहलाने लगी थी और बोल रही थी जीतू भाई मुझे प्यार करो और मेने ज्योती को बाहों मे भर लिया था और सोफे से उतरकर हम दोनों जमीन पर लेट गए थे और में ज्योती का चेहरा चाटने लगा था और वो लंबी लंबी सांसे ले रही थी और बोल रही थी भाई मुझे अच्छी तरह से चोदो में किसी से कुछ नहीं कहूंगी मुझे प्यार करो.. भाई बस धीरे धीरे करो और ज्योती ने अपनी जीभ निकाल ली थी और में उसकी जीभ चूसने लगा था और वो मेरे मुंह में अपना थूक डाल रही थी में ज्योती का थूक पी रहा था और कुछ देर बाद ज्योती ने मुझे हटने को कहा और में हट कर खड़ा हो गया था और मेरे सामने ही ज्योती अपने कपड़े उतारने लगी थी और में भी अपने कपड़े उतारने लगा और नंगा हो गया था और ज्योती भी बिलकुल नंगी हो कर खड़ी हुई थी और बोल रही थी जीतू भाई मेरे कूल्हे चाटो में गण्डमरी औरत हूं और ज्योती वही ज़मीन पर घुटनें मोडे हुए घोड़ी बन गई थी और में भी पागल सा हो चुका था और में ज्योती के गोरे गोरे कुल्हों को चाटने लगा था में पूरी मस्ती से ज्योती के कुल्हों का छेद चाट रहा था और वो सिसकियां ले रही थी और बोल रही थी जीतू भाई तुम मुझे पहले क्यों नहीं मिले और चाटो भाई और चाटो.. ज्योती किसी रण्डी की तरह चिल्ला रही थी जीतू भाई चाट जीभ डाल अंदर घुस जा मेरे कूल्हे में.. आधे घंटे से में ज्योती के कुल्हों को चाट रहा था और मेरा लण्ड तन कर तैयार हो चुका था और में बोला ज्योती बहन मेरा लण्ड चूस और ज्योती बिना किसी शर्म के उठ कर बैठ गई थी और उसने मेरा लण्ड पकड़ लिया और उसे चूमने लगी थी और ज्योती ने मेरा लण्ड पकड़ कर अपने मुंह में भर लिया और चूसने लगी थी.. बिलकुल किसी वेश्या की तरह ही ज्योती मस्ती से मेरा लण्ड चूस रही थी और कुछ देर बाद वो बोली जीतू भाई मेरा पेशाब पियोगे मेने कहा हां बहन और ज्योती ने मुझे लेटने को कहा और में लेट गया था और ज्योती मेरे मुंह पर अपने पेरो को चौड़ा कर बैठ गई और मेने ज्योती की चूत को मुंह में भर लिया था और तभी ज्योती ने पेशाब करना शुरू कर दिया और में मस्ती से उसका पेशाब पी रहा था में ज्योती के पेशाब की बूंद बूंद पी गया था और वो पागल सी हो गई थी और मेरे चहरे पर अपनी चूत मसल रही थी और बोल रही थी जीतू भाई मुझे माफ़ कर दो आह आह ओह ओह और कुछ देर तक मेरे मुंह पर ज्योती चूत और कूल्हों को रगड़ने के बाद वो जमीन पर ही लेट गई थी और बोल रही थी जीतू भाई चोद मुझे में तेरी रण्डी हूं काफी टाईम से चुदी नहीं हूं और में बिना देर किए ज्योती के उपर चढ़ गया और उसके बोबे चूसने लगा था और कुछ देर बाद मेने ज्योती की चिकनी चूत पर लण्ड लगाया और घुसाना शुरू कर दिया था और मेरा लण्ड ज्योती की चिकनी चूत में घुस गया था और में ऐक वेहसी जानवर की तरह अपनी चाची की विधवा बेटी को चोदने लगा.. ज्योती भी नीचे से उछल उछल कर धक्के लगा रही थी.. कुछ ही देर में हम दोनों पसीने में लथपथ हो चुके थे और में झड़ने वाला था और तभी ज्योती ने दोनों हाथों से मेरे कूल्हे पकड़ लिए थे और चिल्ला रही थी जीतू भाई अंदर ही झड़ना तुझे मेरी कसम है और मेरे लण्ड से वीर्य की पिचकारी छूट पड़ी थी और में ज्योती के अंदर ही झड़ रहा था... ज्योती मुंह खोल कर आह आह कर रही थी और में उसके होठ चूसने लगा था तभी अचानक से ज्योती के मुंह से झाग निकलने शुरु हो गए थे और वो बेहोश हो गई थी.. ज्योती को काफी टाईम से मिर्गी के दोरे पड़ते थे और उस टाईम भी ज्योती को मिर्गी का दौरा पड़ा था में बेहोश पड़ी हुई ज्योती के मुंह से बाहर निकलते हुए उसके झाग वाले थूक को चाटने लगा था मुझे बहुत अच्छा लग रहा था अच्छी तरह से ज्योती का मुंह चाटने के बाद मे बेहोश पड़ी हुई ज्योती को पेट के बल लिटा दिया और उसके नंगे गोरे गोरे कूल्हों को चाटने लगा था और बिना किसी शर्म के में अपनी सगी चाची बीना की बेटी के कूल्हों को चाट रहा था में ज्योती के कूल्हों के छेद को चौड़ा कर जीभ डाल कर चूस रहा था और मेरा लण्ड तन कर तैयार हो चुका था और में ज्योती के उपर चढ़ गया और उसके कूल्हों के छेद में लण्ड घुसाने लगा था मुझे बहुत खुशी हो रही थी ज्योती के कूल्हों का छेद काफी टाईट था और मेरे लण्ड पूरे जोश में था मेने पूरी जान लगाकर ज्योती के कूल्हे में लण्ड घुसा दिया और उसे चोदने लगा था मेरा लण्ड पूरा ज्योती के कूल्हे में घुसा हुआ था और धक्के लगा रहा था मुझे बहुत अच्छा लग रहा था और कुछ देर बाद ज्योती होस में आने लगी थी और आहे भर रही थी में पूरे जोश में ज्योती की गाण्ड मार रहा था कुछ देर बाद में झड़ने वाला था और मेने ज्योती के कूल्हे में से लण्ड बाहर निकाल लिया और ज्योती के मुंह में लण्ड घुसा दिया था और वो चूस रही थी और में ज्योती के मुंह में ही झड़ गया था.. सुबह से लेकर दोपहर तक में और ज्योती इसी तरह सेक्स करते रहें थे.. हमे कोई भी रोकने टोकने वाला नही था.. ज्योती बार बार कह रही थी जीतू भाई मुझे अपनी बीबी बनालो और मुझे रोज चोदा कर.. दोपहर हों चुकी थी हम दोनों थक चुके थे पर अभी भी हम दोनों ऐक दूसरे से अलग नहीं हों रहे थे.. ज्योती मेरी बाहों मे थी और धीरे से बोली जीतू भाई मेरी टट्टी खायेगा क्या में आज फ्रेस होने नही गई थी.. ज्योती के मुंह से ये सुनकर मुझे बहुत खुशी हुई और में बोला हां मेरी जान.. ज्योती मेरे पास से उठ कर वापस घोड़ी बन गई थी और में उसके कूल्हों पर मुंह लगा कर बैठ गया था तभी ज्योती के कूल्हे में से टट्टी का बड़ा लेंडा बाहर निकल आया और में उसके टट्टी के लेंडे को खाने लगा था और में मस्ती से ज्योती की ताजा टट्टी खा रहा था कुछ ही देर बाद ज्योती बोली जीतू भाई लण्ड घुसा मेरे कूल्हे में में तेरे लण्ड पर टट्टी करूंगी और में ज्योती के कूल्हे पर चढ़ गया और मेने लण्ड ज्योती के कूल्हे में घुसा दिया था ज्योती की टट्टी निकल रही थी और मेरा लण्ड उसकी तट्टी में लथ पथ हों गया था और जमीन पर भी ज्योती की काफी टट्टी गिर रही थी और में ज्योती के कूल्हे में लण्ड चला रहा था कुछ देर बाद ज्योती ने मुझे हटने को कहा और में हट गया था ज्योती ने जमीन पर से अपनी टट्टी हाथो में ली और अपने बोबो और चेहरे पर मलने लगी थी और कुछ टट्टी ज्योती ने अपने मुंह में भर ली थी और मुझे इशारा किया में ज्योती पर टूट पड़ा और ज्योती के मुंह को चूमने लगा था ज्योती अपनी ही टट्टी मुझे अपने मुंह से खिला रही थी और पूरा कमरा ज्योती की ताजा टट्टी की खुशबू से महक रहा था और हम दोनों बेशर्मो की तरह से सेक्स कर रहे थे पूरे दिन और रात भर हम दोनों बहन भाई सेक्स करने में लगे रहे थे और दो दिनों तक हम दोनों ने सेक्स का भरपूर आनंद लिया और अब में ज्योती को होटलों में लेजाकर सेक्स करता हूं और ज्योती भी अब पूरी तरह से रण्डी बन गई है और वो वेश्यावृति करती है..
मेरे कहने पर ज्योती मेरे लिए नई औरतों और लड़कियों का इंतेजाम किया करती है मुझसे चुदवाती है
में ज्योती को बचपन से ही अच्छी तरह से जानता हूं वो शुरु से ही ऐक रण्डी किस्म की लडकी रही है मां के प्यार ने उसे बिगाड़ कर रख दिया था.. ज्योती जब सोलह साल की थी तभी से उसकी अय्याशी के किस्से सुनने को मिलने लगे थे वो अकसर होटलों में मर्दों के साथ सेक्स करती हुईं पकड़ी जा चुकी थी.. और उसने अपनी ही मर्जी से ऐक लड़के से लव मैरिज भी की थी.. पर उसका ऐक एक्सीडेंट में निधन हो गया था और ज्योती वापस से अपने घर आ चुकी थी.. बीना चाची ने मुझे अपने घर बुलाया था और उस रोज में सुबह ही बीना चाची के घर आ गया था और बीना चाची किचन में काम कर रही थी और उनकी जवान विधवा बेटी ज्योती बॉथरूम में नहा रही थी.. इसी मौके का फायदा उठाकर मेने छुपकर ज्योती को बॉथरूम में नंगी नहाते हुए देखा और में तो बस पागल सा हो चुका था.. मेने कभी सोचा भी नहीं था कि ज्योती नंगी इतनी ख़ूबसूरत दिखेगी.. उसका गोरा नंगा बदन और मोटे बोबे और कुल्हों को देखकर मेरा लण्ड ज्योती को पाने के लिए तड़प उठा था.. बीना चाची ने आवाज लगाई और बोली जीतू बेटा चाय पीले और में कमरे में आ गया था चाची ने कहा जीतू बेटा में दो दिनों के लिए अपनी मोसी के यहां जा रही हूं उनकी तबियत खराब है तो तू यहीं रुक जा तेरी बहन ज्योती के साथ में बोला चाची ठीक है और तभी ज्योती भी कमरे में आ गई थी में बस उसे देख रहा था उसने अपना सर धोया था और बाल खुले हुए थे ज्योती ने सलवार कमीज पहन रखी थी और उसके मोटे बोबे मुझे साफ दिखाई दे रहे थे.. ज्योती मुझे देखकर मुस्कुराई और बोली जीतू भाई आ गए आप और वो दूसरे कमरे में चली गई थी.. बीना चाची ने मुझे बस स्टॉप पर चलने को कहा और में उन्हें बस में बिठा कर घर आ गया था.. और मेने घर का दरवाजा अंदर से लॉक कर दिया था और में ज्योती के साथ सोफे पर बेठ गया.. और ज्योती से बाते करने लगा.. और कुछ ही देर बाद मेने अपनी पेंट में हाथ डाला और अपना लण्ड बाहर निकाल लिया था.. और ज्योती बिना शर्माए हुऐ मेरी तरफ देख रही थी और बोली जीतू भाई ये क्या कर रहे हो पागल हो क्या.. घर में ज्योती और मेरे सिवा कोई नही था तो मेने ज्योती को पकड़ लिया और उसे चूमने लगा था और वो मुझसे लिपट गई थी और बोल रही थी जीतू भाई मत करो मुझे प्लीज और तभी ज्योती ने मेरा लण्ड पकड़ लिया और उसे हाथो से सहलाने लगी थी और बोल रही थी जीतू भाई मुझे प्यार करो और मेने ज्योती को बाहों मे भर लिया था और सोफे से उतरकर हम दोनों जमीन पर लेट गए थे और में ज्योती का चेहरा चाटने लगा था और वो लंबी लंबी सांसे ले रही थी और बोल रही थी भाई मुझे अच्छी तरह से चोदो में किसी से कुछ नहीं कहूंगी मुझे प्यार करो.. भाई बस धीरे धीरे करो और ज्योती ने अपनी जीभ निकाल ली थी और में उसकी जीभ चूसने लगा था और वो मेरे मुंह में अपना थूक डाल रही थी में ज्योती का थूक पी रहा था और कुछ देर बाद ज्योती ने मुझे हटने को कहा और में हट कर खड़ा हो गया था और मेरे सामने ही ज्योती अपने कपड़े उतारने लगी थी और में भी अपने कपड़े उतारने लगा और नंगा हो गया था और ज्योती भी बिलकुल नंगी हो कर खड़ी हुई थी और बोल रही थी जीतू भाई मेरे कूल्हे चाटो में गण्डमरी औरत हूं और ज्योती वही ज़मीन पर घुटनें मोडे हुए घोड़ी बन गई थी और में भी पागल सा हो चुका था और में ज्योती के गोरे गोरे कुल्हों को चाटने लगा था में पूरी मस्ती से ज्योती के कुल्हों का छेद चाट रहा था और वो सिसकियां ले रही थी और बोल रही थी जीतू भाई तुम मुझे पहले क्यों नहीं मिले और चाटो भाई और चाटो.. ज्योती किसी रण्डी की तरह चिल्ला रही थी जीतू भाई चाट जीभ डाल अंदर घुस जा मेरे 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ज्योती के उपर चढ़ गया और उसके बोबे चूसने लगा था और कुछ देर बाद मेने ज्योती की चिकनी चूत पर लण्ड लगाया और घुसाना शुरू कर दिया था और मेरा लण्ड ज्योती की चिकनी चूत में घुस गया था और में ऐक वेहसी जानवर की तरह अपनी चाची की विधवा बेटी को चोदने लगा.. ज्योती भी नीचे से उछल उछल कर धक्के लगा रही थी.. कुछ ही देर में हम दोनों पसीने में लथपथ हो चुके थे और में झड़ने वाला था और तभी ज्योती ने दोनों हाथों से मेरे कूल्हे पकड़ लिए थे और चिल्ला रही थी जीतू भाई अंदर ही झड़ना तुझे मेरी कसम है और मेरे लण्ड से वीर्य की पिचकारी छूट पड़ी थी और में ज्योती के अंदर ही झड़ रहा था... ज्योती मुंह खोल कर आह आह कर रही थी और में उसके होठ चूसने लगा था तभी अचानक से ज्योती के मुंह से झाग निकलने शुरु हो गए थे और वो बेहोश हो गई थी.. ज्योती को काफी टाईम से मिर्गी के दोरे पड़ते थे और उस टाईम भी ज्योती को मिर्गी का दौरा पड़ा था में बेहोश पड़ी हुई ज्योती के मुंह से बाहर निकलते हुए उसके झाग वाले थूक को चाटने लगा था मुझे बहुत अच्छा लग रहा था अच्छी तरह से ज्योती का मुंह चाटने के बाद मे बेहोश पड़ी हुई ज्योती को पेट के बल लिटा दिया और उसके नंगे गोरे गोरे कूल्हों को चाटने लगा था और बिना किसी शर्म के में अपनी सगी चाची बीना की बेटी के कूल्हों को चाट रहा था में ज्योती के कूल्हों के छेद को चौड़ा कर जीभ डाल कर चूस रहा था और मेरा लण्ड तन कर तैयार हो चुका था और में ज्योती के उपर चढ़ गया और उसके कूल्हों के छेद में लण्ड घुसाने लगा था मुझे बहुत खुशी हो रही थी ज्योती के कूल्हों का छेद काफी टाईट था और मेरे लण्ड पूरे जोश में था मेने पूरी जान लगाकर ज्योती के कूल्हे में लण्ड घुसा दिया और उसे चोदने लगा था मेरा लण्ड पूरा ज्योती के कूल्हे में घुसा हुआ था और धक्के लगा रहा था मुझे बहुत अच्छा लग रहा था और कुछ देर बाद ज्योती होस में आने लगी थी और आहे भर रही थी में पूरे जोश में ज्योती की गाण्ड मार रहा था कुछ देर बाद में झड़ने वाला था और मेने ज्योती के कूल्हे में से लण्ड बाहर निकाल लिया और ज्योती के मुंह में लण्ड घुसा दिया था और वो चूस रही थी और में ज्योती के मुंह में ही झड़ गया था.. सुबह से लेकर दोपहर तक में और ज्योती इसी तरह सेक्स करते रहें थे.. हमे कोई भी रोकने टोकने वाला नही था.. ज्योती बार बार कह रही थी जीतू भाई मुझे अपनी बीबी बनालो और मुझे रोज चोदा कर.. दोपहर हों चुकी थी हम दोनों थक चुके थे पर अभी भी हम दोनों ऐक दूसरे से अलग नहीं हों रहे थे.. ज्योती मेरी बाहों मे थी और धीरे से बोली जीतू भाई मेरी टट्टी खायेगा क्या में आज फ्रेस होने नही गई थी.. ज्योती के मुंह से ये सुनकर मुझे बहुत खुशी हुई और में बोला हां मेरी जान.. ज्योती मेरे पास से उठ कर वापस घोड़ी बन गई थी और में उसके कूल्हों पर मुंह लगा कर बैठ गया था तभी ज्योती के कूल्हे में से टट्टी का बड़ा लेंडा बाहर निकल आया और में उसके टट्टी के लेंडे को खाने लगा था और में मस्ती से ज्योती की ताजा टट्टी खा रहा था कुछ ही देर बाद ज्योती बोली जीतू भाई लण्ड घुसा मेरे कूल्हे में में तेरे लण्ड पर टट्टी करूंगी और में ज्योती के कूल्हे पर चढ़ गया और मेने लण्ड ज्योती के कूल्हे में घुसा दिया था ज्योती की टट्टी निकल रही थी और मेरा लण्ड उसकी तट्टी में लथ पथ हों गया था और जमीन पर भी ज्योती की काफी टट्टी गिर रही थी और में ज्योती के कूल्हे में लण्ड चला रहा था कुछ देर बाद ज्योती ने मुझे हटने को कहा और में हट गया था ज्योती ने जमीन पर से अपनी टट्टी हाथो में ली और अपने बोबो और चेहरे पर मलने लगी थी और कुछ टट्टी ज्योती ने अपने मुंह में भर ली थी और मुझे इशारा किया में ज्योती पर टूट पड़ा और ज्योती के मुंह को चूमने लगा था ज्योती अपनी ही टट्टी मुझे अपने मुंह से खिला रही थी और पूरा कमरा ज्योती की ताजा टट्टी की खुशबू से महक रहा था और हम दोनों बेशर्मो की तरह से सेक्स कर रहे थे पूरे दिन और रात भर हम दोनों बहन भाई सेक्स करने में लगे रहे थे और दो दिनों तक हम दोनों ने सेक्स का भरपूर आनंद लिया और अब में ज्योती को होटलों में लेजाकर सेक्स करता हूं और ज्योती भी अब पूरी तरह से रण्डी बन गई है और वो वेश्यावृति करती है..
मेरे कहने पर ज्योती मेरे लिए नई औरतों और लड़कियों का इंतेजाम किया करती है मुझसे चुदवाती है
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